आईये हाथियों को जानें।

हाथी हमारे जंगलों के सबसे बड़े और भरी भरकम प्राणी हैं, जो अति बलशाली और बुद्धिमान होते हैं। हाथिओं के समाज में वृद्ध माता का दबदबा होता है, जो उसकी पूरी जीवन में इकठ्ठा किये जीवनपयोगी जानकारियों तथा विपरीत परिस्थितियों से परिवार को पार करवा पाने की क्षमता के कारण होता है।

हाथिओं का समूह जब घने जंगलों से गुजरता है, तो रास्ते में कई
कमजोर पेड़ों को उखाड़ता चलता है। जिससे सूर्य की सीधी किरणे जंगल की धरती पर पड़ने लगती हैं और उनके स्थानों पर नये और अलग किस्मो के वृक्षों को उगने का अवसर मिलता है।

इनके चलने से बड़े छोटे गड्ढे निर्मित होते रहते हैं जो वर्षा ऋतू में जल से भर जाते हैं और गर्मियों में अन्य वन्य जीवो के लिए प्राण रक्षक सिद्ध होते हैं।

हाथी घास के मैदानों को बड़ी तेज़ी से चट कर जाते हैं। कई वन्य जीव जो बड़े घास नहीं खा सकते उन्हें छोटी और कोमल घास को खाने का अवसर मिलता है। यही नहीं, बड़े घासों के बीच छुपे हुए कीड़े हथियों के कारण चिड़ियों के लिए सुलभ हो जाते हैं।

हाथी जब इतना खाते हैं तब गोबर भी बहुत करते हैं। इनके गोबर से जंगल की धरती में बहुमूल्य पोशक तत्वों की कमी पूरी हो जाती है, जिससे धरती और अधिक हरियाली पनपा पाती है।

हाथियों का झुण्ड जंगल के खजाने में छुपे हुए आवश्यक खनिजो और लवणों का पता लगाने में माहिर होता है, जो उनके साथ साथ अन्य वन्य जीवो के उत्तम स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते है।

हाथी जंगल में विचरते समय नये नये रास्ते भी बनाते हैं। उन्हें एक जंगल से दूसरे जंगल तक जाने में महारत प्राप्त होती है, जिससे अन्य जीवो को भी अलग अलग क्षेत्रों में फैलने का अवसर मिल जाता है। इससे सभी जीवो में अंतरप्रजनन का खतरा कम हो जाता है और अनुवान्सिकी मजबूत होती है।

हाथी आने वाले मौसम का भी पता लगा सकते हैं और बहुत दूर से वर्षा को सूंघ कर उस तरफ प्रयाण कर लेते हैं। वे ज्यादातर सूंघ कर ही तालाबों का पता चला लेने में सक्षम होते हैं।

हाथी अपने जीवन में घटित घटनाओं का स्मरण रखने वाले इंसानों के अलावा बहुत ही कम जीवों में आते हैं। यहाँ तक की उन्हें उनके बचपन में इंसानों से मिली आघात जीवन पर्यन्त याद रहती है, जो कई बार हाथीयों द्वारा मनुष्यों पर हमलो का कारण बनती है। खेती के लिए जंगलो का सफाया हाथियों के आवास एवं भोजन में कमी का कारण है, जिनके फलस्वरूप हाथी खेतो में खड़ी फसलों को खाने को मजबूर हो रहें हैं।

जंगलो के मध्य से गुजरने वाली रेल गाड़ियों से हाथियों पर खतरा बढ़ता जा रहा है। यह देख कर रेल मंत्रालय ने हाथियों के जंगलों में रेल परिचलन की गति सीमा बहुत कम कर दी है, जिससे पिछले कुछ वर्षों में हाथियों के रेलगाड़ी से कटने की घटनायें बहुत कम हो गई हैं।

हाथी बहुत भावनात्मक जीव होते हैं, यहाँ तक की वे कई दिनों तक अपने दिवंगत साथी के शव के पास रह कर उसे श्रद्धांजलि देते हैं और आंसू भी बहाते हैं। अगर कोई बच्चा अनाथ हो जाए तो समूह की अन्य मादायें उस नन्हे बच्चे का लालन पालन तन्मयता से करती हैं। छोटे बच्चों को शिकारीयों से बचाना समूह की प्रथमिकता होती है और सभी व्यस्क बच्चों के चारों और अभेद्य किला बना लेते हैं। अक्सर शांति दिखने वाले हाथी बहुत आक्रामक हो जाते हैं अगर कोई हिंसक पशु या इंसान किसी ऐसे हाथी के निकट चला जाए जिसके पास बच्चा हो या इंसानों ने कभी इनके झुण्ड पर हमला किया हो।

इस तरह हाथी जंगल के अभियंता और मार्गदर्शक दोनों ही होते हैं। आईये हाथियों के प्रति हम सभी लगाव बढ़ाये और इनके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हों।

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